shiv chalisa lyrics in english Fundamentals Explained
shiv chalisa lyrics in english Fundamentals Explained
Blog Article
अर्थ: हे प्रभु जब क्षीर सागर के मंथन में विष से भरा घड़ा निकला तो समस्त देवता व दैत्य भय से कांपने लगे (पौराणिक कथाओं के अनुसार सागर मंथन से निकला यह विष इतना खतरनाक था कि उसकी एक बूंद भी ब्रह्मांड के लिए विनाशकारी थी) आपने ही सब पर मेहर बरसाते हुए इस विष को अपने कंठ में धारण किया जिससे आपका नाम नीलकंठ हुआ।
आपने सदा निर्धन को धन दिया है, जिसने जैसा फल चाहा, आपकी भक्ति से वैसा फल प्राप्त किया है। हम आपकी स्तुति, आपकी प्रार्थना किस विधि से करें अर्थात हम अज्ञानी है प्रभु, अगर आपकी पूजा करने में कोई चूक हुई हो तो हे स्वामी, हमें क्षमा कर देना।
प्रभु मुद्रिका मेलि मुख माहीं। जलधि लांघि गये अचरज नाहीं।।
If the download connection offered from the publish (सम्पूर्ण check here शिव चालीसा
अन्त धाम शिवपुर में पावे ॥ कहैं अयोध्यादास आस तुम्हारी ।
स्वामी एक है आस तुम्हारी। आय हरहु अब संकट भारी॥
ब्रह्मा विष्णु सदा शिव अर्द्धांगी धारा ॥ ॐ जय शिव…॥
Whosoever features incense, prasad and performs arti to Lord Shiva, with enjoy and devotion, enjoys material joy and spiritual bliss in this environment and hereafter ascends to your abode of Lord Shiva. The poet prays that Lord Shiva eliminates the suffering of all and grants them Everlasting bliss.
जय गणपति सदगुण सदन, कविवर बदन कृपाल। विघ्न हरण मंगल करण, जय जय गिरिजालाल॥
किया उपद्रव तारक भारी । देवन सब मिलि तुमहिं जुहारी ॥
योगी यति मुनि ध्यान लगावैं। नारद शारद शीश नवावैं॥
कर त्रिशूल सोहत छवि भारी। करत सदा शत्रुन क्षयकारी॥
तुम्हरो मंत्र बिभीषन माना। लंकेश्वर भए सब जग जाना।।
चालिसा भगवान शिवाशी मजबूत आध्यात्मिक संबंध निर्माण करण्यास मदत करते. दररोज श्री शिव चालिसाचा जप केल्याने भक्ताला शांती, आंतरिक शक्ती आणि आध्यात्मिक वाढ मिळेल.